coach Gambhir: टीम इंडिया (Team India) ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में हुए आखिरी टेस्ट मैच को 6 रनों से जीतकर सीरीज बराबर कर ली है. टीम इंडिया इंग्लैंड में 15 सालों के बाद सीरीज ड्रा कराने में सफल हुई है. टीम इंडिया की इस सीरीज में मिली जीत की तारीफ दुनिया भर ने की. सभी ने इस सीरीज जीत का सेहरा कप्तान शुभमन गिल और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के सर पर बाँधा है.
लेकिन इस सीरीज को ड्रा कराने के जितने हक़दार वो दोनों है उतने नहीं तो कुछ बहुत हद तक क्रेडिट कोच गंभीर (coach Gambhir) को भी जाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि वो कौन से 3 मास्टरस्ट्रोक थे जिनसे टीम इंडिया ने सालों बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज ड्रा कराई थी.
मास्टरस्ट्रोक साबित हुए coach Gambhir के 3 फैसले
ऑलराउंडर्स को प्लेइंग इलेवन में मौका- इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में गंभीर की स्ट्रैटेजी की आलोचना सभी कर रहे थे कि वो टेस्ट क्रिकेट को टी20 क्रिकेट का एक्सटेंडेड वर्जन मानते है जिसकी वजह से वो टीम में उन खिलाड़ियों को प्राथमिकता देते है जो गेंदबाज होने के साथ साथ थोड़ी बल्लेबाजी भी कर लेते है. इसी की वजह से उन्होंने पूरी सीरीज में कुलदीप यादव को मौका नहीं दिया था, जबकि उनकी जगह वाशिंगटन सुन्दर को मौका दिया था.
कुलदीप यादव केवल गेंदबाज है जो बल्लेबाजी नहीं कर पाते है, इसलिए वो पूरी सीरीज में बेंच पर बैठे रहे थे. सुन्दर को मौका देना फायदेमंद साबित हुआ था. चौथे मैच में उन्होंने जडेजा के साथ मिलकर मैच ड्रा कराने में मदद की थी. जबकि इस मैच की दूसरी पारी में उन्होंने ताबड़तोड़ अर्धशतक लगाया था और वही रन भारत के लिए बहुमूल्य साबित हुए थे.
ज्यादा बल्लेबाजों को मौका- गंभीर ने जब से टीम इंडिया की कोचिंग संभाली है तब से वो टेस्ट में कम गेंदबाजों के साथ उतरे है और ज्यादा बल्लेबाजों को मौका देते है. इस सीरीज में मुकाबलों में भारत की टीम ने एक्स्ट्रा बल्लेबाजों को मौका दिया था जिससे भारतीय टीम ने हर मैच में पार स्कोर बनाया था. भारतीय टीम का लोअर ऑर्डर पहले मैच में कोलेप्स कर गया था. जिसके बाद उन्होंने एक्स्ट्रा बल्लेबाज को मौका दिया और उसका फायदा सीरीज में देखने को मिला था.
डिफेंसिव एप्रोच अपनाना- गौतम गंभीर टेस्ट में डिफेंसिव एप्रोच के साथ उतारते है. इंग्लैंड की टीम बैजबाल के चलते काफी तेज खलती है. जिसके चलते वो काफी बाउंड्री मारते है. ऐसे में भारतीय टीम ने वाइट बॉल की तरह बाउंड्री पर फील्डर लगा रखे थे ताकि बाउंड्री जाने से रोका जा सकें. जब इंग्लिश बल्लेबाज बाउंड्री नहीं लगा पाते थे तो वो रिस्क लेने के चक्कर में अपना विकेट फेंक दे रहे थे.