Manchester Test: इंडिया और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में लॉर्ड्स टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया पर दबाव साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। हालांकि दो मैच बाकी हैं और भारत अब सीरीज में पिछड़ चुका है। ऐसे में अगला मुकाबला मैनचेस्टर टेस्ट इंडिया टीम प्रबंधन के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति जैसा होगा।
मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल अब प्लेइंग इलेवन में कुछ बड़े बदलाव कर सकते हैं, और कुछ खिलाड़ियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
करुण नायर हो सकते है टीम से बाहर
दरअसल, करुण नायर को लेकर लगातार बहस होती रही है कि एक तिहरे शतक के बावजूद उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया गया। लेकिन जब लॉर्ड्स टेस्ट में उन्हें मौका मिला, तो वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। याद दिला दे साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाए गए 303 रनों के अलावा, उनका टेस्ट करियर खास नहीं रहा।
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इस एक पारी को छोड़ दें, तो बाकी 12 पारियों में सिर्फ 202 रन ही बना सके हैं। करुण नायर का औसत भले ही 42.08 हो, लेकिन यह औसत एक ही पारी की देन है। लॉर्ड्स में उनकी बल्लेबाजी फीकी रही और वह न तो इंग्लैंड की गेंदबाजी के खिलाफ टिक पाए और न ही टीम को संकट से उबार सके। ऐसे में मैनचेस्टर टेस्ट में उनके बाहर होने की पूरी संभावना है।
यशस्वी जायसवाल – लय में कमी और रिकॉर्ड का अंत
बता दे यशस्वी जायसवाल ने पिछले एक साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, खासकर इंग्लैंड के खिलाफ उनकी औसत 67.50 रही है। उन्होंने इस विपक्षी टीम के खिलाफ 945 रन बनाए हैं, लेकिन लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में 0 पर आउट होकर उन्होंने एक खास रिकॉर्ड बनाने का मौका गंवा दिया। अगर वे 55 रन और बना लेते तो वह सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा की लिस्ट में शामिल हो सकते थे, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1000+ रन बिना 0 पर आउट हुए बनाए हैं।
हालांकि एक पारी से खिलाड़ी को आंकना जल्दबाजी हो सकती है, लेकिन टीम को दो टेस्ट में हार मिलने के बाद गिल और गंभीर का फोकस अब ऐसे खिलाड़ियों पर होगा जो लंबी पारियां खेलने की क्षमता दिखा सकें।
वॉशिंगटन सुंदर – गेंदबाजी में चमक, बल्लेबाजी में निराशा
तो वहीं लॉर्ड्स टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर ने गेंद से जरूर कमाल किया और चारों विकेट बोल्ड करके एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया। लेकिन टेस्ट टीम में उनका चयन एक ऑलराउंडर के तौर पर हुआ था, और इस भूमिका में उनका प्रदर्शन संतुलित नहीं रहा। उन्होंने बल्लेबाजी में खास योगदान नहीं दिया, और टीम के बैलेंस को लेकर अब सवाल खड़े हो गए हैं।
गंभीर और गिल की सोच के मुताबिक, टीम को एक ऐसा ऑलराउंडर चाहिए जो मिडिल ऑर्डर में टिककर रन बना सके और गेंद से भी योगदान दे। अब देखना ये होगा कि जिन नए खिलाड़ियों को मौका मिलेगा, क्या वो इस मौके को भुना पाते हैं या नहीं।
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