Test Series : इंडिया और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज क्रिकेट प्रेमियों के लिए जितनी रोमांचक रही है, उतनी ही यह सीरीज कुछ इंडियन खिलाड़ियों के करियर के एक अध्याय के अंत की तरह भी महसूस हो रही है। प्रदर्शन, फिटनेस और उम्र जैसे तमाम कारणों से अब यह कयास तेज हो गए हैं कि 4 खिलाडियों का इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ उनके टेस्ट करिअर की आखिरी टेस्ट सीरीज़ हो सकती है। कौन है ये चार खिलाड़ी आइये जानते है।
आखिरी टेस्ट सीरीज खेल गए ये 4 खिलाड़ी
जसप्रीत बुमराह – फिटनेस ने छोड़ा साथ
दरअसल, जसप्रीत बुमराह भारत के सबसे भरोसेमंद और घातक गेंदबाजों में से एक माने जाते रहे हैं, लेकिन इंग्लैंड के मौजूदा दौरे में उनका प्रदर्शन चिंता का विषय बन गया है। बता दे मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 28 ओवर में 95 रन देकर केवल 1 विकेट लिया, और उनकी गेंदबाजी की रफ्तार में भी काफी गिरावट देखी गई। आमतौर पर 140+ km/h की गति से गेंदबाजी करने वाले बुमराह, इस टेस्ट में 125–130 km/h की रफ्तार तक ही सीमित रहे। वहीँ एक वीडियो में बुमराह लंगड़ाते हुए ड्रेसिंग रूम की ओर जाते हुए नजर आए, जिससे यह संकेत मिला कि वह अब पूरी तरह फिट नहीं हैं। साथ ही क्रिकेट विशेषज्ञों की मानें तो बुमराह का शरीर अब लंबे फॉर्मेट के लायक नहीं रहा और वह ओवल टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला ले सकते हैं।
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करुण नायर – लगातार नाकामी के बाद विदाई तय
वहीं करुण नायर कभी तिहरा शतक लगाकर चर्चा में आए थे, लेकिन मौजूदा सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। बता दे उन्होंने इस सीरीज में 6 पारियों में क्रमशः 0, 20, 31, 26, 40 और 14 रन ही बना पाए हैं। वहीं मैनचेस्टर टेस्ट से उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया, और टीम मैनेजमेंट की तरफ से कोई स्पष्ट भरोसा नहीं दिया गया है। ऐसे में संभावना यही बनती है कि यह करुण नायर का इंग्लैंड में आखिरी टेस्ट दौरा था। और तो और निरंतर असफलता और युवा बल्लेबाजों की कतार में मौजूदगी के कारण अब करुण के लिए वापसी की राह बेहद मुश्किल हो गई है।
शार्दुल ठाकुर – न नतीजे दे पा रहे, न ओवर फेंक पा रहे
दरअसल, शार्दुल ठाकुर को इंग्लैंड के तेज और स्विंग वाली परिस्थितियों में एक उपयोगी ऑलराउंडर माना गया था। लेकिन बात दे उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। दरअसल, पहले टेस्ट में उन्होंने सिर्फ 6 ओवर गेंदबाजी की और कोई विकेट नहीं ले पाए। वहीं बल्ले से भी उन्होंने 1 और 4 रन बनाए। ऐसे में अगर एक ऑलराउंडर पूरे दिन में 15 ओवर भी नहीं डाल पा रहा, तो टीम में उनकी उपयोगिता पर सवाल उठना लाज़िमी है। हालांकि उनके नाम इंग्लैंड में 49.8 की स्ट्राइक रेट से 10 विकेट जरूर हैं, लेकिन मौजूदा दौर में उनका फिटनेस और प्रभाव दोनों कमजोर दिखाई दिए। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इंग्लैंड की धरती पर उनका यह आखिरी टेस्ट दौरा साबित हो सकता है।
रविंद्र जडेजा – बढ़ती उम्र और सीमित भविष्य
साथ ही बता दे रविंद्र जडेजा का प्रदर्शन इस सीरीज में औसत से बेहतर रहा है। दरअसल, उन्होंने पांचवीं बार अर्धशतक बनाया और इंग्लैंड में अपने आंकड़े 1000 रन और 34 विकेट तक पहुंचाए। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि अब जडेजा 36 साल के हो चुके हैं और लगातार 5 टेस्ट खेलना उनके लिए अब चुनौती बनता जा रहा है। वहीं टीम मैनेजमेंट आने वाले समय में युवा स्पिन ऑलराउंडर्स को मौका देना चाहेगा और जडेजा की भूमिका अब सीमित ओवरों में या घरेलू मैदानों तक सीमित रह सकती है। इस लिहाज से इंग्लैंड में यह उनका आखिरी टेस्ट दौरा माना जा रहा है।
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