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जिम्बाब्वे से खेलने लायक नहीं हैं ये खिलाड़ी, लेकिन कप्तान गिल ने अपनी दोस्ती के चक्कर में चौथे टेस्ट में दे दिया मौका

These players are not fit to play for Zimbabwe, but Captain Gill gave them a chance in the fourth test out of friendship.

Captain Gill : इंडियन क्रिकेट में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब चयन का आधार योग्यता की बजाय व्यक्तिगत रिश्ते बन जाए, तो सवाल उठना लाजमी होता है। और हाल ही में एक खिलाड़ी को लेकर कुछ ऐसा ही मामला इन दिनों टीम इंडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ में जहां हर मुकाबला अहम है, वहीं कप्तान शुभमन गिल पर यह आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अपनी दोस्ती निभाने के चक्कर में एक ऐसे खिलाड़ी को मौका दिया है, जिसका हालिया प्रदर्शन सवालों के घेरे में है।

साई सुदर्शन दोस्ती का फायदा उठा रहे है 

जिम्बाब्वे से खेलने लायक नहीं हैं ये खिलाड़ी, लेकिन कप्तान गिल ने अपनी दोस्ती के चक्कर में चौथे टेस्ट में दे दिया मौका 1दरअसल, साई सुदर्शन को लीड्स टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला था, लेकिन वहां उन्होंने बिल्कुल भी प्रभावित नहीं किया। बता दे पहली पारी में शून्य पर आउट हुए और दूसरी पारी में महज 30 रन बनाए। भले ही उन्होंने कुछ अच्छे शॉट खेले हों, लेकिन उनका क्रीज़ पर टिकना और हालात के हिसाब से बल्लेबाज़ी करना कमजोर नज़र आया। वहीं इंग्लैंड की परिस्थितियों में जहां तकनीक और अनुशासन जरूरी होता है, वहां साई अनुभवहीन दिखे।

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इससे भी ज्यादा हैरानी तब हुई जब मैनचेस्टर टेस्ट से पहले प्रैक्टिस सेशन के दौरान कप्तान गिल ने साई सुदर्शन से नेट्स में बैटिंग करने को कहा और उन्होंने मना कर दिया। जी हां, रिपोर्ट्स के मुताबिक साई ने कहा कि वह कभी मैच से एक दिन पहले बल्लेबाजी नहीं करते। यह उनकी ‘रूटीन’ का हिस्सा है। भले ही IPL 2025 में उन्होंने 759 रन बनाकर अच्छा प्रदर्शन किया हो, लेकिन टेस्ट क्रिकेट IPL नहीं है, जहां दिनभर गेंदबाज़ आपकी तकनीक की परीक्षा लेते हैं।

साई के ऊपर गिल का हाथ 

वहीं बड़ा सवाल यह है कि क्या इंडियन टेस्ट टीम अब ‘रूटीन’ और ‘थिंकिंग’ बेस्ड नहीं बल्कि दोस्ती के आधार पर चलने लगी है? क्या ऐसे खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए जो प्रैक्टिस से भी कतराता है? यह चयन समिति के लिए एक गंभीर विचार का विषय होना चाहिए। लेकिन इन तमाम सवालों के बीच कप्तान गिल ने मैनचेस्टर टेस्ट में फिर से साई को मौका देने का दबाव बनाया, जिससे अब माना जा रहा है कि गिल अपने करीबी दोस्त को टीम में बनाए रखने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

साई सुदर्शन का फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड भी खास नहीं 

साथ ही यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि साई सुदर्शन का फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड भी कोई खास नहीं है। 30 मैचों में उन्होंने केवल 1987 रन बनाए हैं, वो भी 38.96 की औसत से। टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से यह आंकड़े एक औसत बल्लेबाज़ को दिखाते हैं, न कि ऐसे खिलाड़ी को जिसे इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में बरकरार रखा जाए। दूसरी ओर, भारतीय टीम के पास अभिमन्यु ईश्वरन, रुतुराज गायकवाड़ जैसे बल्लेबाज़ विकल्प के तौर पर मौजूद हैं, जिनका फर्स्ट क्लास अनुभव और प्रदर्शन कहीं बेहतर है।

इसके बावजूद गिल ने एक कमज़ोर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को प्राथमिकता देकर यह संकेत दे दिया है कि टीम चयन में पारदर्शिता नहीं, बल्कि करीबी रिश्ते अहम हो गए हैं। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर साई सुदर्शन को मैनचेस्टर टेस्ट में अपने प्रदर्शन से आलोचकों को गलत साबित करेंगे या फिर कप्तान की दोस्ती का यह फैसला टीम को भारी पड़ेगा।

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भारत vs इंग्लैंड

आज के मैच में कौनसी टीम ज्यादा रन बनायेगी

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Nitish Kumar

मैं नितीश कुमार, एक समर्पित क्रिकेट कंटेंट राइटर हूँ। मेरा लक्ष्य है मैदान पर...

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