Virat Kohli: इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला, जिसने सभी क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। दरअसल, भारतीय टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल ने मैदान पर कुछ ऐसा किया, जिससे फैंस का जोश तो बढ़ा, लेकिन उनके आक्रामक तेवर ने ये सवाल भी खड़े कर दिए कि क्या गिल खुद को विराट कोहली पार्ट-2 समझने लगे हैं?
जैक क्रॉली से भिड़ गए गिल
दरअसल, तीसरे दिन का आखिरी ओवर चल रहा था। भारत को दिन खत्म होने से पहले दो ओवर डालने थे। लेकिन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली जानबूझकर समय बर्बाद कर रहे थे। गेंदबाज ओवर डालने को तैयार था, लेकिन क्रॉली बार-बार समय ले रहे थे, ग्लव्स ठीक कर रहे थे, और फिर स्ट्राइकर एंड पर देर से पहुंच रहे थे। ये सब देख कर शुभमन गिल अपना आपा खो बैठे। उन्होंने तुरंत क्रॉली के पास जाकर बहस शुरू कर दी।
Always annoying when you can’t get another over in before close 🙄 pic.twitter.com/3Goknoe2n5
— England Cricket (@englandcricket) July 12, 2025
यह नजारा देख मैदान का माहौल गर्म हो गया। कुछ ही पलों में बाकी भारतीय खिलाड़ी भी कप्तान के साथ आ गए। इस तीखी नोकझोंक के बाद जब गेंदबाज ने पांचवीं गेंद फेंकी और वह क्रॉली के ग्लव्स पर लगी, तो बल्लेबाज ने तुरंत फिजियो बुला लिया।
गिल ने इस पर तंज कसते हुए सब्स्टीट्यूट बुलाने का इशारा किया, जो सीधे तौर पर क्रॉली का मज़ाक उड़ाने जैसा था।
कोहली की याद दिला गए गिल
शुभमन गिल का यह अंदाज देखकर फैंस को विराट कोहली की याद आ गई। सोशल मीडिया पर फैंस ने गिल की तुलना कोहली से करनी शुरू कर दी। कुछ ने उन्हें ‘कोहली का शिष्य’ बताया तो कुछ ने कहा, “गिल अब कप्तानी के साथ एक्टिंग भी कर रहे हैं!” दरअसल, विराट कोहली की आक्रामकता भारतीय क्रिकेट की पहचान बन चुकी थी और अब लगता है गिल उसी राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं।
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हर छोटी बात पर दिखा रहे हैं “अकड़”
इस टेस्ट सीरीज में शुभमन गिल का रवैया कई बार चर्चा में रहा है। कभी अंपायर के फैसले पर गुस्सा, कभी विपक्षी खिलाड़ियों के साथ जुबानी जंग — अब यह सवाल उठ रहा है कि कहीं गिल हर छोटी-छोटी बात पर ज़रूरत से ज़्यादा आक्रामक तो नहीं हो रहे? लॉर्ड्स टेस्ट की ये घटना सिर्फ एक उदाहरण है। कप्तानी के दबाव में गिल शायद अपनी बॉडी लैंग्वेज को कोहली जैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें वह परिपक्वता नहीं दिख रही, जो कोहली के पास थी।
क्रिकेट सिर्फ आक्रामकता का खेल नहीं है
एक कप्तान के रूप में गिल अभी अपने शुरुआती दौर में हैं। उनकी बल्लेबाजी में क्लास है, लेकिन नेतृत्व की जिम्मेदारी के साथ संयम भी जरूरी होता है। मैदान पर जरूरत से ज्यादा “अकड़” दिखाना उनके करियर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। क्रिकेट सिर्फ आक्रामकता का खेल नहीं है, उसमें धैर्य और रणनीति भी अहम होती है।