India: टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड में है जहाँ पर दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. 5 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में 3 मैच खेले जा चुके है जिसमें इंग्लैंड ने सीरीज में बढ़त बनाई हुई है. इंग्लैंड की टीम सीरीज में 2-1 से आगे चल रही है.
जबकि सीरीज का अगला मैच आज यानी 23 जुलाई से खेला जायेगा. टीम इंडिया (India) के इस सीरीज में पीछे रहने का एक कारण इस खिलाड़ी की ख़राब फॉर्म भी है, जिसके चलते ये सीरीज इस खिलाड़ी के करियर की आखिरी सीरीज साबित हो सकती है.
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में फ्लॉप हुए करुण नायर
आपको बता दें, कि ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि टेस्ट टीम में 8 सालों के बाद वापसी करने वाले बल्लेबाज करुण नायर (Karun Nair) है. नायर ने इस साल घरेलू क्रिकेट खासकर रणजी ट्रॉफी और विजय हज़ारे ट्रॉफी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे जिसके बाद नायर को टीम में जगह दी गयी थी.
लेकिन उन्होंने इस सीरीज में मिले सभी मौकों को बर्बाद कर दिया है. वो किसी भी मैच में कुछ ख़ास नहीं कर पाए है. करुण नायर को जब 8 साल पहले टेस्ट टीम से ड्रॉप किया गया था तब उनकी वापसी के लिए हमेशा उनके लगाए गए तिहरे शतक की दुहाई दी जाती थी. हालाँकि अब जब उनको टीम में मौका दिया जा रहा है तब वो कुछ नहीं कर पा रहे है.
नायर रन बनाने के लिए कर रहे हैं संघर्ष
नायर को खुद का सबित करने के लिए 3 टेस्ट दिए गए थे. नायर ने अपनी वापसी टेस्ट की पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए थे. जबकि दूसरी पारी में जैसे तैसे करके 30 रन बनाये थे.
नायर को पहले मैच में मध्यक्रम में खिलाया गया था लेकिन वो फ्लॉप हो गए थे तो उन्हें खुद को साबित करने के लिए टॉप आर्डर में भेजा गया जहाँ उन्होंने घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाये थे और वो वहां भी रन बनने में सफल नहीं हो रहे है. नायर को डेब्यू करने वाले साईं सुदर्शन की जगह मौका दिया गया था. नायर टॉप आर्डर में भी रन बनाने में सफल नहीं हो पाए थे.
टेस्ट सीरीज के बाद ले सकते हैं संन्यास
नायर इस सीरीज में जहाँ हर मैच में ढेरों रन बन रहे है और फ्लैट विकेट की जमकर आलोचना हो रही है उसमें भी थी. उसके बाद भी वो रन बनाने में सफल नहीं हो रहे है. नायर ने इस सीरीज में खेले 3 मैचों की 6 पारियों में 21.83 की औसत से 131 रन बनाये है और इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 40 रन है.
मैनचेस्टर में होने वाले चौथे टेस्ट मैच में उनको प्लेइंग इलेवन में जगह मिलना मुश्किल है और अब उनके पास संन्यास ही एकमात्र विकल्प बचा है क्योंकि उनकी उम्र भी ज्यादा हो गयी है और ट्रांजीशन फेज में युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है.