6,6,6,6,6,4,4,4.... रणजी में केएल राहुल ने बनाया गेंदबाजो का भर्ता, 47 चौके और 4 छक्कों की मदद से ठोक डाला तिहरा शतक 1

केएल राहुल (KL Rahul): भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल (KL Rahul) ने अपने करियर के दौरान कुछ अविश्वसनीय प्रदर्शन किया है और इसी वजह से उन्हें टीम इंडिया से जल्दी ड्राप नहीं किया जाता है. इसी कड़ी में उन्होंने अपना रौद्र रूप रणजी ट्रॉफी में भी दिखाया था.

राहुल ने रणजी में धमाल मचाते हुए तिहरा शतक थोक दिया था और विपक्षी टीम के गेंदबाज उनके सामने घुटने टेकते हुए नजर आये थे. राहुल ने पारी के दम पर अपनी टीम को विशाल स्कोर तक पहुँचाया और अहम भूमिका निभाई.

KL Rahul ने लगाया था तिहरा शतक

6,6,6,6,6,4,4,4.... रणजी में केएल राहुल ने बनाया गेंदबाजो का भर्ता, 47 चौके और 4 छक्कों की मदद से ठोक डाला तिहरा शतक 2

बता दें कि राहुल (KL Rahul) के अंदर काफी प्रतिभा है लेकिन वे इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी इस प्रतिभा के साथ शायद न्याय नहीं कर सके. हालाँकि, रणजी ट्रॉफी में उनका एक बार रौद्र रूप देखने को मिला था और उन्होंने तिहरा शतक जड़ दिया था.

दरअसल, साल 2015 के सीजन में रणजी ट्रॉफी में राहुल ने एक मैच के दौरान उत्तर प्रदेश के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था. उन्होंने अपनी इस पारी में 448 गेंदों का सामना करते हुए 47 चौके और 4 छक्के की मदद से 337 रन बनाए थे और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ दिया था.

ड्रॉ रहा था ये मुकाबला

दोनों टीमों के बीच 2015 में बेंगलुरु में खेले गए इस मैच में कोई भी नतीजा नहीं निकल सका था और मुकाबला ड्रॉ रहा था. इस मुकाबले में कर्नाटक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 719 रन बनाए थे. राहुल (KL Rahul) के अलावा इस मैच में अबरार काजी ने भी शतकीय पारी केहली थी और 117 रन बनाए थे.

अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस टीम की बल्लेबाजी नहीं चली थी और पहली पारी में वे 220 रनों पर ऑलऑउट हो गए थे. इस मैच में यूपी के लिए हिमांशु अनसोरा ने सबसे अधिक 70 रनों की पारी खेली थी और उनके अलावा अन्य कोई भी बल्लेबाज पिच पर अधिक समय तक टिक नहीं सका था.

KL Rahul का फर्स्ट क्लास करियर

अगर राहुल के फर्स्ट क्लास करियर पर नजर डालें तो वो शानदार रहा है. इस खिलाड़ी ने अब तक कुल 93 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 44 की औसत के साथ 6760 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 18 शतक और 32 अर्धशतक निकले हैं.

हालाँकि, अपनी इस प्रतिभा को वे इंटरनेशनल क्रिकेट में सही साबित नहीं कर सके और वे अधिक समय तक फेल ही रहे हैं. उन्होंने इंटरनेशनल टेस्ट मैचों में 34 की औसत से रन बनाए हैं और इसी वजह से अंदर-बाहर होते रहते हैं.

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