पिछले रविवर को पाकिस्तान के लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में कई अटकलों और धमकियों के बीच पाकिस्तान सुपर लीग का फाइनल मैच हो गया। पाकिस्तान सुपर लीग को दूसरे सीजन के सभी मैच दुबई में आयोजित हुए। इस लीग में विश्व क्रिकेट के कई विदेशी स्टार खिलाड़ियों नें हिस्सा लिया और इस टूर्नामेंट के आयोजन में चार चांद लगा दिए।
इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और पीएसएल का फाइनल मैच लाहौर में कराने का फैसला कर लिया। फाइनल मैच लाहौर में होते देख विदेशी खिलाड़ियों ने पाकिस्तान में सुरक्षा को ध्यान में रखकर कोई खतरा मोल नहीं लेने के इरादे से फाइनल मैच से अपने नाम खिंच लिए। लेकिन कुछ विदेशी खिलाड़ी फाइनल में भी खेले।
इनमें से वेस्टइंडीज के मर्लोन सैम्युल्स पीएसएल की टीम पेशावर जाल्मी के लिए खेले और फाइनल मैच में उनकी टीम ने जीत हासिल की। फाइनल मैच में मिली सुरक्षा से सैम्युल्स इतने प्रभावित हुए, कि उन्होनें पाकिस्तानी आर्मी में शामिल होने की इच्छा जताई है। पीएसएल के फाइनल से भले ही इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने अपना नाम वापस ले लिया लेकिन ये कैरेबियाई बनेंगे खतरों के खिलाड़ी
हाल ही में सैम्युल्स ने सोशल मिडिया पर एक विडियों जारी किया। जिसमें वो कह रहे है कि, “अगर मुझे अपने कंधे पर धातु बैज मिल जाएं तो मैं पाकिस्तान में वापस आना चाहुंगा। मैं जमैका में सैनिक हूं और यही कारण है, कि मैं पाकिस्तानी सेना का सूट पहनना चाहता हूं। इसिलिए जब भी आप मुझे अपनी सेना का हिस्सा बनाना चाहो तो मैं पाकिस्तानी सेना में शामिल होने के लिए तैयार हूं।”
“मैंने जमैका में पाकिस्तानी लोगों के साथ बहुत समय बिताया, वे सभी मेरे दोस्त हैं इसलिए मैं अपने दिल में पाकिस्तानी हूँ पाकिस्तान के लिए आने के बारे में फैसला करने के लिए मैंने बहुत कुछ नहीं सोचा क्योंकि मैं एक बहादुर सिपाही हूं।”आईसीसी ने मार्लेन सैम्युल्स को अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में फिर से गेंदबाजी शुरू करने की अनुमति दी
36 साल के सैमुअल्स ने कहा कि,
“लाहौर में पीएसएल फाइनल मैच खेलना मेरे लिए क्रिकेट मैच से कहीं ज्यादा था और मैं उम्मीद करता हूं, कि इससे पाकिस्तान में क्रिकेट की मेजबानी के और दरवाजे खुलेंगे।”